भारत-चीन-नेपाल सम्बन्ध

भारत और चीन का विवाद लगभग 65-66 साल पुराना है,बाबजूद इसके भारत ने कई बार चीन के साथ मित्रता का हाथ बढ़ाया,लेकिन कपटी चीन ने कई बार भारत के साथ गद्दारी और नीचता की सारी हदें पार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। किन्हीं दो राष्ट्रों में मित्रता से पहले आवश्यक है आपस में अटूट विश्वास का होना,जब विश्वास ही नहीं तो मित्रता कैसी।भारत-चीन-नेपाल तीनों देशों की सीमाएं आपस में जुड़ी हैं।जिसमें नेपाल एक हिन्दु राष्ट्रवादी देश है।भारत नेपाल की हर क्षेत्र में मदद करता आ रहा है, इस कारण भारत और नेपाल के मधुर सम्बन्ध बरक़रार हैं और भविष्य में भी सम्बन्ध अच्छे ही रहेंगे।भारत द्वारा सहायता देने के कारण नेपाल भी भारत का अहसान मानता आया है। चीन भारत की तुलना में गरीब देश है। चीन भी नेपाल की मदद करता रहा है,लेकिन भारत की तुलना में कम। वर्तमान समय में चीन अपना सिक्का हर देश में चलाना चाहता है,जिसमें चाहें भारत हो या अमेरिका या अन्य कोई देश। इसी का उदाहरण वर्तमान समय में चीन ने अपनी गलत नीति के चलते भारत से अपने सम्बन्ध पूरी तरह से कड़वे कर लिए हैं। वह अपने कपट द्वारा दूसरे के कन्धे पर बंदूक रखकर चलाना चाहता है जिसमें वह सफल नहीं होता और फिर कपटी चीन खुद अपने ही जाल में फँसता जाता है और अपनी हार भी स्वीकार करता है। वर्तमान समय में जो हालात चल रहे हैं और उसने अपने सम्बंध भारत से कड़वे किये हैं और इसी बात को सोचकर कपटी चीन नेपाल को भारत देश के विरूद्ध करना चाह रहा है,लेकिन भारत ने अपनी समझ से दोनों देशों से यथास्थिति अनुसार अपने को श्रेष्ठ बनकर दिखाया है,जिसमें पूरे विश्व में हमारे भारत देश की प्रशंसा हो रही है और भविष्य में भी होती रहेगी।

डाॅ०विजयलक्ष्मी
काठगोदाम,उत्तराखण्ड

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ