मैं बादल बन आया हूँ ।
सबके मन को भाया हूँ ।।
गर्जन करता घूम - घूम कर ।
मैं अमृत बरसाने आया हूँ ।।
आस लगाए बैठे जमीं वाले ।
उनकी प्यास बुझाने आया हूँ ।।
मैं काला - भूरा बन कर ।
सबकी आस जगाने आया हूँ ।।
उमड़ -घुमड़ बिजली के संग ।
मैं शोर मचाने आया हूँ ।।
भर दूंगा मैं सब ताल तलैया ।
मूसलाधार बरसने को आया हूँ ।।
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मईनुदीन कोहरी नाचीज़ बीकानेरी
मो.9680868028
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