श्रध्दा सदभाव रीति, भक्ति में चाव सु-प्रीति,
सुपथ पर पांव सुनीति लाये शाकाहार।
संयम शक्ति सुभाग, सत्य -धर्म, तप-त्याग,
शान्ति एकता का सुराग लाये शाकाहार।
शास्त्र, संतों का दर्श, शुचि सुविचार -विमर्श,
जन-मानस में प्यार हर्ष लाये शाकाहार।
कालिमा कलुष छल छाँट "कवि बाबूराम "
मार्ग आलोक, सत्य का दिखाये शाकाहार।
शाकाहार रंग लाये, अंगों में उमंग लाये,
श्रध्दा सुभाव, सत्य सब ही के संग लाये।
श्रेष्ट सुविचार होवे सुखी परिवार होवे,
सदा बहार विश्व महके वो ढंग लाये।
फैले सुयश कृति, मधुर व्यहार प्रीति,
शान्ति सफलता, अनुराग सुधर्म लाये।
एकता, सुमति सत्कर्म "कवि बाबूराम "
मानव जीवन में सुखद सुमर्म लाये
सर्व गुणों से युक्त, स्वास्थ्य सुधा सर्वोपरि,
मानव सुजीवन का सार शाकाहार है।
कर कायाकल्प अल्पकाल दे अमोघ शक्ति,
शुचिता प्रखरता का प्रबल आधार है।
अहिंसा, साधना, सिध्दी में सिरमौर सदा,
शुभ सौंदर्य का सुहावना सुहार है।
"कवि बाबूराम "शाकाहार में असंख्य गुण,
मूल मानवता का अनुपम सिंगार है।
✍️बाबूराम सिंह कवि
ग्राम-खुटहाँ, पोस्ट -विजयीपुर (भरपुरवा) जिला -गोपालगंज (बिहार) पिन -841508
मो0नं0-9572105032
0 टिप्पणियाँ