बदलाव अंतराष्ट्रीय मंच प्रतियोगिता हेतु
विधा - कविता
शीर्षक -सैनिक
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आओ हम जयगान करें ।
वीरों का सम्मान करें ॥
मातृभूमि की रक्षा में , जो प्राणों से खेल गया ।
दुश्मन की हर गोली को , जो सीने में झेल गया ।
ऐसे वीर सपूतों का , आओ हम गुणगान करें ।
आओ हम जयगान करें ।
वीरों का सम्मान करें ॥
हाड़कंपाती ठण्डक में भी , वह सीमा पर रहता है ।
बर्फीले तूफानों से भी , तनिक नही वह डरता है ।
ऐसे वीर सपूतों पर , आओ हम अभिमान करें ।
आओ हम जयगान करें ।
वीरों का सम्मान करें ॥
कुदरत की जंजीरें भी , जिसको जकड़ ना पायी हैं ।
दुश्मन की सेनायें भी , जिससे अकड़ ना पायी हैं ।
ऐसे वीर सपूतों पर , आओ जां बलिदान करें ।
आओ हम जयगान करें ।
वीरों का सम्मान करें ॥
सर्वमौलिक अधिकार सुरक्षित
विशाल चतुर्वेदी " उमेश "
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