नारी मां दादी बहिन, बेटी बुआ स्वरूप।।


दोहे,,,22/7/2020
नारी,,,
नारी मां दादी बहिन, बेटी बुआ स्वरूप।।
चाची मामी भार्या,इसके ही सब
रूप।।
मिट्टी,,,
विपदा बस जब कृषक ने,बेचा
अपना खेत।।
मिट्टी रोई फूट कर, मैं डैं  हुईं अचेत।।
दहेज,,
इंसानों के भेष में,घूम रहे शैतान।।
जो दहेज के वास्ते,लें बहुओं की जान।।

संबंध,,,
बरबादी निश्चित करे, ऐसे बने प्रबंध।।
शोलों से जब-जब रखे,हवा यहां
संबंध।।
आघात,,
इस युग के इंसान की,ऐसी है औकात।।
कब किससे धोका करे,किसको दे
आघात।।
बृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल नंबर 786 92 18 525

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