वृक्ष हमें देते है जीवन , ये जीवन सफल बनाओ ।

वृक्ष  हमें  देते  है  जीवन , ये जीवन सफल  बनाओ ।
तीरथ व्रत और यज्ञ के पहले ,एक एक वृक्ष  लगाओ ।।
वृक्ष धरा के भूषण है ,   ये   करते  दूर   प्रदूषण ।
वसुधा का श्रंगार करो तुम ,पहना पादप भूषण ।।
देते प्राण वायु जो तुम को , दूषित को हर लेते  ।
अर्थ धर्म अरु काम मोक्ष , ये  चार  पदार्थ  देते ।।
इनसे सीता पता पूछते ,  राम ने कहा सुनाओ ।.......१...
पर उपकारी पेड़ सभी फल , फूल मूल सब देते ।
जिसके बदले में तुमसे ये , कहौ कहाँ कुछ लेते ।।
औषधि दवा जड़ी बूटी सब  , तुम को प्राप्त कराते ।
वर्षा के हित बने सहायक , ग्रीष्म की  छाह सुहाते ।।
सब तरू संत विटप बन रहते , शिक्षा कुछ अपनाओ ।।...........२
दातुन से ले दाह कर्म तक ,  इनका साथ रहा है ।
कथा भागवत में देखो तो , सुन्दर श्याम कहा है ।।
फूल फरै पर  हेतु विटप ये ,  जीवन धन्य रहा है ।
जीवन वन से वन से जीवन ,  कैसा सत्य कहा है ।।
केवल माया में भरमाया  , प्राकृतिक प्रेम बढ़ाओ ।..................३
ये  उपकारी प्राणी है सब ,  इनको  अब न काटो ।
जो है इन्हें काटने वाले   ,  उनको भी अब डाटो ।।
मोहन बेनु बजावत तरु तर ,  दृश्य जरा तुम झाको ।
प्रभु तरु तर कपि डारके ऊपर , रामायन को आंको ।।
कार्बन ले आक्सीजन देते , सबको यह समझाओ ।..................४
तुलसी पीपल शमी आँवला ,  पूजें  सब  नर नारी ।
खड़ी आज अति विकट समस्या , परयावरणी भारी ।
अं धा धुन्ध कटाई करते ,   क्यों न  वृक्ष लगाते ।
अपने पाउन आप कुल्हाड़ी , क्यों दुर्बुद्धि चलाते ।।
रोमावली माँ वसुधा की है ,  इनका दर्द मिटाओ ।..................५
जिन पर कोयल बैठ कूकती , पपिहा पिऊ पिऊ करता।
ऐसी पावन देख प्रकृति क्या  ,  तेरा मन नही भरता ।।
आश्रम की शोभा है इनसे , खग मृग आश्रय दाता ।
इनकी सृष्टि  कर  अपने  को , माने  धन्य   विधाता ।।
दस पुत्रो सम एक वृक्ष है ,  शास्त्रन  सार  सुनाओ ।..................६
तीर्थ वृत और यज्ञ के पहले ,  एक एक वृक्ष लगाओ ।।
रचयिता
राजेश कुमार तिवारी "मक्खन"
पता ...टाइप 2/528 आवास पुरी बी .एच.ई.एल. झांसी (उ.प्र.)पि

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