षड़यन्त्रकारी चीन को दफ़न मिट्टी में कर देंगे
ए फौज है हिन्दूस्तान की
सियाचिन के न्युनतम तापक्रम में भी,उबाल रक्त का कम नही
कतरा-कतरा हिम से बना
हिमगिरि के ताज़ है जो
आँखे दिखाना बन्द करो
इक्कीसवी सदी का युवा भी तैय्यार है
आत्मनिर्भर का ज्ञान लिये
बापू के राहों पर ,चलने को तैय्यार है
सोच तुम्हारी विस्तारवाद की
अबकी बार ना चलेगी
हिन्दूस्तान का बच्चा-बच्चा क्रांति ध्वज लिए तैय्यार है
हिन्द के मिट्टी में
स्वावलम्बन का आधार है
चीन तुम्हारे दकियानुसी सोच से ,अब पूरा विश्व वाकिफ़ है
विश्व गुरु भारत के आगे तुम क्या टिकोगे
याद करो नालंदा को व्हेन्सांग और फाह्यान को
गौतम बुद्ध के तपस्थल और शान्ति के उस बोध को
तुम्हारी नीति-नियती के आगे
हिन्दूस्तान हिमालय सा खड़ा है
मिट जाएगा तुम्हारा वजुद
जो तुम अब टकराओगे
षड़यन्त्रकारी चीन को दफ़न मिट्टी में कर देंगे
ए फौज है हिन्दूस्तान की
सियाचिन के न्युनतम तापक्रम में भी,उबाल रक्त का कम नही
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