*विधा---------------चौपाई*
*विषय-----------------तिरंगा*
श्वेत हरा केसरिया वाला ।
तीन रंग का ध्वजा निराला ।।
भारत माँ की शान तिरंगा ।
इस धरती में बहती गंगा ।।1।।
खून बहा कर हमने पाई ।
तब भारत में खुशियाँ छाई ।।
अंग्रेजों की जड़ें हिलादी ।।
हमें मिली है तब आजादी ।।2।।
उड़े पताका नील गगन में ।
बिखरे खुशबू फूल चमन में ।।
स्वर्णिम आभा अब चमकेगी ।
जीवन दीपक सम दमकेगी ।।3।।
स्वर्णिम इतिहास वीर रचते ।
मातृभूमि को अर्पित करते ।।
देते प्राण वीर बलिदानी ।
लिखें देश की अमर कहानी।।4।।
युगों-युगों तक रहे तिरंगा ।
चरण पखारे माता गंगा ।।
पावन भावन धरती माता ।
अमर तिरंगा जब लहराता ।।5।।
वीर वतन हमको है प्यारा ।
जन-गण-मन है पावन न्यारा ।।
रंगों का महत्व बतलाती ।
त्याग और बलिदान सिखाती ।।6।।
*सुशीला साहू "विद्या"*
*रायगढ़ - छत्तीसगढ़*
6 टिप्पणियाँ
आदरणीया सुशीला साहू विद्या जी
जवाब देंहटाएंशानदार तिरंगा चौपाई के लिए
बहुत बहुत बधाई
बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंशानदार तिरंगा चौपाई
अत्यन्त सराहनीय , बहुत अच्छा लिखा गया है । हार्दिक बधाई हो
जवाब देंहटाएं👌👌👌 nice poem
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना आ. दीदी जी प्रणाम एवं नमन
जवाब देंहटाएं🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
राम प्रकाश यादव
बहुत सुन्दर रचना
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