'उम्मीद' विषय पर कविता,कवयित्री प्रीति शर्मा असीम जी द्वारा

.उम्मीद

जिंदगी उम्मीद पर टिकी है।  
परेशानियां ,
कितनी भी आ जाए ।
आने वाली हर खुशी की ,
उम्मीद पर टिकी है ।

जिंदगी उम्मीद पर टिकी है।
 आज........... बंद है जिंदगी।

 जिन हालात में,
 खौफ के इस मंजर में ,
कुदरत की होगी करामात।
इस उम्मीद पर टिकी है ।

अपनी आस का दीया,
 जलाए रखना ।

 वक्त बदलेगा ।
अपने सब्र के इम्तिहान में,
अपने हाथों में ,
आखिरी उम्मीद की ,
चिंगारी को टिकाए रखना।।

एक ........सीख है जीवन की।  
यह याद................ रखना।

 मौत की दौड़ में, 
 दौड़ के देख लिया।

 जिंदगी के ,
 असल ठहराव पर,
 टिकी है जिंदगी। 

हर नई उम्मीद पर टिकी है।
 रचयिता 
 प्रीति शर्मा असीम,
 नालागढ़ हिमाचल प्रदेश

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