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हाय ! रे कोरोना ,
तूने ये क्या कर डाला ?
सबको तूने बहुत रुलाया ,
सबको तूने बहुत सताया ।
वाह ! रे कोरोना ,
तूने ये क्या कर डाला ?
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सबको तूने अपना गुण बताया ,
सर्दी, खांसी, श्वासनली में तकलीफ दिखाया ।
वाह! रे कोरोना,
तूने ये क्या कर डाला ?
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सबको तूने स्वच्छता का पाठ पढ़ाया,
सबको तूने सामाजिक दूरी का ज्ञान सिखाया ।
वाह! रे कोरोना ,
तूने ये क्या कर डाला ?
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सबको तूने घर में बंद कराया ,
सबको तूने एक साथ रहना सिखाया
वाह! रे कोरोना ,
तूने ये क्या कर डाला ?
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अब हम मानव ने यह सब ठाना,
कोरोना को दूर भगाना ।
जा जा रे कोरोना
भाग जा रे कोरोना ।।
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जा जा रे कोरोना
भाग जा रे कोरोना ।।
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धन्यवाद
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भवेश कुमार सुमन
सहायक शिक्षक
खगड़िया
मो- 8864085045
E-mail- suman.bhavesh@gmail.com
स्वरचित कविता
स्वप्रमाणित
1 टिप्पणियाँ
हाय रे कोरोना ये तूने क्या कर डाला शीर्षक किसी ओर कवि की रचना है। इसे तोड़ मरोड़ कर तैयार किया गया है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद