रक्षा बंधन


रक्षा बंधन


सावन के इस पावन माह में

सिर्फ खुशियां और बहार हैं

आज आया ये भाई - बहन का पर्व

जो रक्षा बंधन त्योहार है।


रोज लड़ते और रोज झगड़ते

पापा से शाम को शिकायत करते

अगर कोई देख ले हमें इस स्थिती में तो

वह हमें कट्टर दुश्मन बताते।


लेकिन जब हो ख़तरे में

हम दोनों में कोई एक

मिलकर समाधान करते हम

हो समस्या चाहे अनेक।


आज है रक्षा बंधन

मेरी बहन करेगी मेरा अभिनन्दन

बांधेगी राखी मेरे कलाई पर

तब गद - गद हो जाएगा मेरा मन।


रक्षा बंधन न होता सबको भोग

सैनिक वीर जवान सब को

न होता बहन का राखी हमेशा भोग

इसीलिए हमेशा रहना मिलकर

इसके लिए तरस जाते हैं लोग।


✍️ रंजन कुमार, मुजफ्फरपुर बिहार





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