संघर्ष से सफलता की ओर

🌞🛕राम मन्दिर🛕🌞

*"संघर्ष से सफलता की ओर"*

सन् पंद्रह सौ अठ्ठाईस हिन्दू मस्तक पर आघात हुआ था
बाबरिया तोपों का भयंकर प्रतिकार हुआ था 
पांच सौ वर्ष के काल खंड में छहत्तर बार हिन्दूओं ने युद्ध किया था 
लाखों हिंदुओं ने हंसते-हंसते बलिदान दिया था 
भाटी नरेश, हंसवर नरेश ने भयंकर युद्ध किया था
राजगुरु 'देवीदीन पांडेय' ने महाकाल बन आगाज़ किया था 
बाबर की सेना विशाल से भीषण प्रलयंकर युद्ध किया था 
मात्र दस हजार लड़ाकों के बल पर दुश्मन का मुंह मोड़ दिया था 
पंद्रह दिन तक बाबर सेना को जन्मभूमि पर बढ़ने नहीं दिया था 
राम नाम का पीकर अमृत हिन्दुओं को अमरता का दान दिया था 
वही सुधा बन अब तक हिन्दू तन मन को झकझोर रहा था 
राम हमारे प्राणपुंज हैं वहीं राष्ट्र के राजा हैं मान रहा था

मुगल, अंग्रेज स्वतंत्र भारत के नेता अब तक राम को नकार रहे थे 
भारत के जन मन में आवेशित राम अब हो साकार रहे थे 
पापी हम सबको ललकार दुत्कार रहे थे 
सेक्यूलरिज्म की दवा खिला कर हमें रोगी बना रहे थे 
भय आतंक कानून दिखा कर गोली चला रहे थे 
गोली खा कर हम हिन्दू मृत्युंजय बन दहाड़ रहे थे 

अब राम नकारे भारत में उसकी कोई औकात न होगी 
मंदिर बनने जा रहा जन्म भूमि पर रोक सके किसी की औकात न होगी 

मन्दिर तो बन चुका कभी का बस श्रृंगार अभी बाकी है 
राम लौट रहे अयोध्या को लंका जलना बाक़ी है 
अभी लंका काण्ड चल रहा राज्याभिषेक राम का होना बाकी है 
देश प्रभु राम के दर्शन को तड़प रहा रावण दहन होना बाकी है

शीघ्र दिवाली आने वाली है भारत के हर घर में दीप जलेंगे 
जन्मभूमि पर आकर जब ठुमुक ठुमुक श्री राम चलेंगे 
नयनों से नीर बहेगा दर्शन पाकर वे मंगल पावन हो जायेंगे 
श्री राम जन मन नायक राष्ट्र सहायक असुर संहारक बन कर आयेंगे 
हर घर दरवाजे पर शुभ चिन्ह सजेंगे मधुर गीत चहुं ओर बजेंगे 
सुस्वागतम आपका होते ही भारत के वैभव भाग्य खुलेंगे

पंद्रह सौ अठ्ठाईस का बदला होने अब पूर्ण जा रहा 
हिन्दू गौरव स्वाभिमान का होने अब आगाज़ जा रहा 
अब नूतन भारत में साहस शौर्य वैभव का कमल खिलेगा 
नर पिशाच आक्रांताओं का जड से समूल अब दम्मभ हिलेगा
     
        🙏 जय श्री राम 🙏

       चंन्द्र प्रकाश गुप्त "चंन्द्र" 
               (ओज कवि) 
        अहमदाबाद, गुजरात

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