कवि निर्मल जैन 'नीर' जी द्वारा 'प्रेम प्रस्ताव' विषय पर रचना

प्रेम प्रस्ताव....
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है इंतजार~
स्वीकार करो तुम
प्रेम प्रस्ताव
कैसा दस्तूर~
तकदीर के आगे 
क्यों मजबूर
इकरार है~
मेरा दिल इश्क़ में
बेकरार है
लगी लगन~
बुझाये न बुझती
प्रेम अगन
साथ निभाना~
मोहब्बत का वादा
भूल न जाना
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     निर्मल जैन 'नीर'
 ऋषभदेव/राजस्थान

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