दिनांक--08-08-2020
दिन- शनिवार
शीर्षक-ताड़ना(ढोल, गंवार, शुद्र, पशु, नारी)
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स्वरचित रचना
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ढोल ताड़ना=सही ताल देना
गंवार ताड़ना=निगरानी में रख सही दिशा देना
शुद्र ताड़ना=निगरानी में रख काम करवाना
पशु ताड़ना=निगरानी में देखभाल करना
नारी ताड़ना=निगरानी में सुरक्षित रखना
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सुर संगीत का जो ज्ञाता है,
आनंदित रहना चाहता है,
सही ताल मे ठोक ढ़ोल को,
मधुर संगीत सुना पाता है।
नहीं काम का ज्ञान जिसे है,
वह व्यक्ति गंवार कहलाते है,
निगरानी में देकर सही शिक्षा,
हम ज्ञानी उसे बना सकते हैं।
जो सीख नहीं कुछ पाते हैं,
इसलिये शुद्र कहलाते हैं,
देख रेख में रखकर उसको,
सेवा का काम करा सकते हैं।
लगाम पशु को लगाते हैं,
डंडे से भी दिशा दिखाते हैं,
निगरानी में रखने वाले ही,
पशुपालन से लाभ उठाते हैं।
नारी प्रकृति से सुकोमल है,
घर का सम्मानित गहना है,
दुष्टों से रक्षित रखने के लिये,
निगरानी में अपनी रखना है।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाम-रमेश चंद्र भाट
पता-टाईप-4/61-सी,
अणुआशा कालोनी,
रावतभाटा।
मो.9413356728
7 टिप्पणियाँ
ढोल गंवार शूद्र पशु नारी,
जवाब देंहटाएंयह सब ताड़न के अधिकारी।
ताड़न शब्द के उचित प्रयोग से उपरोक्त पदों की व्याख्या।
ढोल गंवार शूद्र पशु नारी,
जवाब देंहटाएंयह सब ताड़न के अधिकारी।
ताड़न शब्द के उचित प्रयोग से उपरोक्त पदों की व्याख्या।
ढोल गंवार शूद्र पशु नारी,
जवाब देंहटाएंयह सब ताड़न के अधिकारी।
ताड़न शब्द के उचित प्रयोग से उपरोक्त पदों की व्याख्या।
ढोल गंवार शूद्र पशु नारी,
जवाब देंहटाएंयह सब ताड़न के अधिकारी।
ताड़न शब्द के उचित प्रयोग से उपरोक्त पदों की व्याख्या।
ढोल गंवार शूद्र पशु नारी,
जवाब देंहटाएंयह सब ताड़न के अधिकारी।
ताड़न शब्द के उचित प्रयोग से उपरोक्त पदों की व्याख्या।
ताड़न शब्द की प्रसंगानुसार व्याख्या
जवाब देंहटाएंताड़न शब्द की प्रसंगानुसार व्याख्या
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