शीर्षक - तेरी याद
तुम्हारी हर अदा मुझे भाती है ।
बस तुम आ जाओ , तुम्हारी याद बहुत आती है ।
तुम्हारी निगाहों से घायल दरबदर फिरता हूँ मैं,
तुम्हारे प्यार की बारिश मुझे बहुत तरसाती है ॥
तुम्हारी हसीन यादे लिए जी रहा हूँ मैं ।
तन्हाइयों के गमे अश्क पी रहा हूँ मैं ।
जो बुने थे खूबसूरत सपनें तुम्हारे साथ ,
उन्ही सपनों को फिरसे सी रहा हूँ मैं ॥
कब से बैठा हूँ समंदर के किनारे ।
कभी तो चमकेंगे मेरी चाहत के सितारे ।
ये इश्क नही आसान , मैं भी जानता हूँ
पर काट लूंगा जिन्दगी तेरी याद के सहारे ॥
सर्वमौलिक अधिकार सुरक्षित
विशाल चतुर्वेदी " उमेश "
जबलपुर मध्यप्रदेश
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