*विधा-----------मधुमालती छंद*
*विषय----------माँ की वंदना*
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*माँ ज्ञान का, भंडार दे ,*
*विनती सुनो , माँ शारदे ।*
अम्बा तुही , दुर्गा तुही ,
जग की सदा , तारण तुही ।
उपकार कर , निज प्यार दे ,
*विनती सुनो , माँ शारदे ।।1।।*
मैं तो करूँ , आराधना ,
पूरी करो , माँ साधना ।
माता तुही , उपहार दे ,
*विनती सुनो , माँ शारदे ।।2।।*
मैय्या सुनो , आओ यहाँ ,
तेरे शिवा , जाऊँ कहाँ ।
तुम शक्ति हो , माँ वार दे ,
*विनती सुनो , माँ शारदे ।।3।।*
ममतामयी , शुभदायिनी ,
माँ शक्ति हे , वरदायिनी ।
अज्ञानता , से तार दे ,
*विनती सुनो , माँ शारदे ।।4।।*
आलोक का , आभास भर ,
चारों दिशा , उल्लास कर ।
हे माँ हमें , उद्धार दे ,
*विनती सुनो , माँ शारदे ।।5।।*
*सुशीला साहू "विद्या"*
*रायगढ़ - छत्तीसगढ़*
1 टिप्पणियाँ
बहुत बहुत आभार आदरणीया रूपा जी
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