।।मरहटा छंद।।
जय जय महादेव, देवाधिदेव, महेश्वर महाकाल।
जगतपति भूपाल, त्रिदेव त्रिकाल, शोभित चंद्र भाल।।
भोले शिव शंकर, देव दिगंबर, सदा काल विकराल।
'सुजल' तेरी शरण, देव दु:खहरण, काट सभी जंजाल।।
ब्रह्मानंद गर्ग सुजल
जैसलमेर, राजस्थान।
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