कवि ब्रह्मानंद गर्ग सुजल जी द्वारा रचित 'मरहटा छंद'

।।मरहटा छंद।।

जय जय महादेव, देवाधिदेव, महेश्वर महाकाल। 
जगतपति भूपाल, त्रिदेव त्रिकाल, शोभित चंद्र भाल।।
भोले शिव शंकर, देव दिगंबर, सदा काल विकराल। 
'सुजल' तेरी शरण, देव दु:खहरण, काट सभी जंजाल।।

ब्रह्मानंद गर्ग सुजल 
जैसलमेर, राजस्थान।

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