तीर अपनों पर चलाया आपने।।अपने पन को क्या लजाया आपने।।

तीर अपनों पर चलाया आपने।।
अपने पन को क्या लजाया आपने।।

कारवां भटका था मंजिल के करीब
ऐसी राहों पर चलाया आपने।।

अपनी सूरत और की लगने लगी
आईना कैसा दिखाया आपने,।।

आईना चिड़िया के आगे रख दिया
हमसे हमको ही लडाया आपने।।

एक शोला था सरल अपना शहर,
क्या किया कैसे बुझाया आप ने।।
 ‌। बृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल नंबर 786 92 18 525 वरिष्ठ कवि एवं शायर सागर मप्र
9/8/2020

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