कवि श्याम कुँवर भारती जी द्वारा रचित 'गणेश वंदना'

गणेश वंदना – श्री गणेश वंदन |
गौरी नन्दन शंकर  सूत  करे सब  श्री गणेश वंदन |
हाथी मस्तक मंगल दस्तक तेरा सत अभिनंदन |

मूषक वाहन लड्डु भोग करते सदा भक्त निरोग |
धूप दीप नैवैद्द सिंदूर अर्पण करो मस्तक चन्दन |

मंगल कर्त्ता बिघ्न्हर्त्ता दुख दूर कर्त्ता हर ओर चर्चा |
आओ गजानन लगाया स्वर्ण आसन हे दुख भंजन | 

शिव शंकर के प्यारे ललना बुद्धि का क्या कहना |
दे दो बल बुद्धि सुख शांति चंद्र भाल भय भंजन |

प्रथम होती श्री गणेश पूजा तुमसा न कोई देव दूजा|
दानव संघारकर्त्ता दरिद्र तृप्ति कर्त्ता जय सुख नंदन|

होगा जहा महाराज का आसान चले न बैरी डासन |
गोर बदन मस्तक रोड़ी चन्दन कोटी कोटी है वंदन |

शुभ लाभ देते दाता रिद्धी सिद्धि के हो  स्वामी तुम |
मंगल करो कोरोना मारी करो तुम भारत देव भंजन|  

श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी 
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

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