कवयित्री नीतू राठौर जी द्वारा 'गज़ल'


🌹गजल🌹

         🌹 खुशब रख ले🌹

दिल की दहलीज़ पे दस्तक़ दे के क़ाबू रख ले
कुछ तन्हाई मैं रखूँ पास तो कुछ तू रख ले।
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वो नज़ाकत वो शरारत मैं कहाँ से लाऊं
ज़ुल्फ बिखरी है मेरी आज तू खुश्बू रख ले।
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मैं पनाहों में रहूं चाँद की जब मत आना
ना परेशां हो अभी मेरे रँगे -रू रख ले।
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रौशनी हूँ मैं, उजाला भी हूँ ,दीपक भी मैं
तीरगी भी तो होगी साथ तू जुगनू रख ले।
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मन के ख्यालों में उतरना ही मेरी आदत हैं
रूह रख लू मैं तेरी "नीतू" तू सब ख़ु रख ले।

🌹🌹🌹नीतू राठौर भोपाल से🌹🌹🌹

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