कान्हा आज तेरा जन्मदिन है

बदलाव मंच
श्री कृष्णजन्मोत्सव
शीर्षक - कान्हा आज तेरा जन्मदिन है

कान्हा आज तेरा जन्मदिन है,
लोगों की सोच है वर्ना तू तो सब दिन है।
तेरी रासलीलाओं को लोगों ने बदनाम कर दिया
पर ये भी सोचना उनका अपना मन है।।
कान्हा...

कदम्ब की डाली अरु यमुना का किनारा,
तुझमें ही तो समाया है ये जग सारा।
प्रेम की अद्भुत अनोखी मूरत हो तुम,
तेरे प्यार की ख़ूबसूरती से हर कोई दिल हारा।।
कान्हा...

निधिवन की क्या बात लिखूँ
तू आज भी ज़िन्दा है उसकी क्या कहानी लिखूँ।
प्रेम में जीना क्या है
उस मोहब्बत की इबारत की क्या बानगी लिखूँ।।
कान्हा...

कान्हा आज मेरी आँखों में आँसू आ गए,
क्योंकि लोग मोहब्बत के नाम पर वासना के शिकार हो गए।
उन्हें लगता है बस ज़िस्मों का मिलन ही मोहब्बत है,
रूहों का एकाकार करके राधे कहाँ चले गए।।
कान्हा...

मीरा के प्रेम की बात ही कुछ अलग थी,
राधारानी का प्रेम भी इक अद्भुत मोहब्बत की मिसाल थी।
प्रेम की छटा कहूँ या प्रेम का रूप कहूँ,
मुरलीधर तेरी वंशी तो इक प्रेम की ज़ुबानी थी।।
कान्हा...

©®जितेन्द्र विजयश्री पाण्डेय "जीत" प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

स्वरचित, मौलिक और अप्रकाशित

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