💐 बेईमान इरादे💐
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एक नकली मुस्कान ओढ़कर,
मीठी-मीठी बातें करते है ।
कुछ लोग, बनावटी चेहरे से,
सारी दुनियाँ को ठगते है।
मीठे शब्दों का जाल बनाकर,
सारा खेल ये रचते है ।
भोले-भाले लोगो को ,
विश्वास दिखाकर, ठगते है।
पहले एक ,विश्वास जगाकर,
एक झूठी मुस्कान सजाकर,
घर मे सेंध लगाया करते है।
झूठी -मीठी बातो से,
पहले ,भरमाया करते है।
मेरे ही, अर्जित धन को फिर,
अपने कब्जे में करते है ।
अपनी चालाक और बेईमान,
इरादों पर इतराया करते है।
एक रिश्तों के, वस्त्र पहनकर,
मेरा ही शोषण करते है।
अपनी चालाकी को ही,
अपना हथियार समझते है।
दूसरे की, मेहनत को लूटकर,
अपना सामान समझते है।
भावनाओं से खेल-खेलकर,
ये काम निकाला करते है।
अपनी स्वार्थ की पूर्ति करके,
फिर तिरस्कार वो करते है।
बेईमान इरादे, मत कर वादे,
तेरा वादा तो झूठा होता है ।
टूटे अगर विश्वास एक बार,
फिर ,नही दुबारा जुड़ता है।
तेरा मुखौटा हट जाए ,फिर
तेरा असली चेहरा दिखता है।
तेरा मान-सम्मान तो दुनियाँ में,
फिर ना दुबारा मिलता है।
बेईमानी का दाग लगाकर,
नफरत की एक आग जलाकर,
फिर एक- दिन वो मरता है।
एक झूठी इज्जत के खातिर,
जो, बेईमान इरादे रखता है।
दिल मे सबके ,जिंदा मरता है ,
फिर प्यार नही कोई करता है ।
बेईमान इरादों से अपने,
अपना, सर्वनाश ही करता है ।
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😢 समाप्त😢
मौलिक और स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका:-शशिलता पाण्डेय
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