आज उनसे मेरी बात हुई,
एक अनछुई मुलाकात हुई।
वो बड़ा अजब जादूगर था,
जो बिन सावन बरसात हुई।
न कोई खास पहचान हुई,
लेकिन वह मेरी जान हु्ई ।
खोई रहती हरदम यादों में,
मेरी जिन्दगी हलकान हुई।
**एकता कुमारी**
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