कवयित्री एकता कुमारी जी द्वारा रचना

आज उनसे मेरी बात हुई, 
एक अनछुई मुलाकात हुई।
वो बड़ा अजब जादूगर था,
जो बिन सावन बरसात हुई।

 न कोई खास पहचान हुई‌, 
लेकिन वह मेरी जान हु्ई ।
खोई रहती हरदम यादों में,
मेरी जिन्दगी हलकान हुई।
       **एकता कुमारी**

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