दिनांक--05-08-2020
दिन- बुधवार
शीर्षक- मन मंदिर
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स्वरचित रचना
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प्रभु गुणों का गान जहां हो,
मात पिता का मान जहां हो,
जन जन का हृदय प्रदेश अब,
मन मंदिर श्री राम मय हो |
मर्यादा का भान जहाँ हो,
वेद शास्त्र का ज्ञान जहाँ हो,
सिय प्रीत हिय बसी जहाँ पर,
मन मंदिर श्री राम मय हो |
भातृ प्रेम व्यवहार जहाँ हो,
वचनों का सम्मान जहाँ हो,
त्याग भाव से भरे हृदय अब,
मन मंदिर श्री राम मय हो |
पुरूषार्थ का भाव जहाँ हो,
हनुमान बल तेज जहाँ हो,
सेवा भाव बसे जिस हिय मे,
मन मंदिर श्री राम मय हो |
दुष्ट दलन विश्वास जहाँ हो,
अहंकार का नाश जहाँ हो,
पतित पावन मन रमेश अब,
मन मंदिर श्री राम मय हो |
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाम-रमेश चंद्र भाट
पता-टाईप-4/61-सी,
अणुआशा कालोनी,
रावतभाटा।
मो.9413356728
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