कवयित्री नीतू राठौर जी द्वारा 'चाँद से कह दो' विषय पर गज़ल

               
          चाँद से कह दो
          
💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘💘
चाँद से कह दो न तन्हा कीजिए
आप आकर मन को हल्का कीजिए।
💘💘💘💘💘💘💘
रात को क्यों नींद भी आती नहीं
कुछ हमारे साथ साजा कीजिए।
💘💘💘💘💘💘💘
सादगी मुझमें रही बाकि अगर
हम को सीमा में न बाँधा कीजिए।
💘💘💘💘💘💘💘
प्यार तुमसे तो रूहानी हो गया
छोड़ कर हमकों न जाया कीजिए।
💘💘💘💘💘💘💘
आँख भर आई है चाहत में अभी
इस तरह हमकों न रुसवा कीजिए।
💘💘💘💘💘💘💘
मन में तुमको रखेगी "नीतू " सुन
टुकड़ों में दिल न हिस्सा कीजिए।
💘💘💘💘नीतू राठौर💘💘💘💘💘

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ