बदलाव साहित्य मंच (राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय)
दिनांक--24-09-2020
शीर्षक- सही ज्ञान मिटाए भ्रष्टाचार
स्वरचित रचना
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जैसा कर्म करेगा उसके,
फल से ना बच पाएगा।
गीता का यह कर्म ज्ञान,
भ्रष्टाचार से हमें बचाएगा।
काम टालना भ्रष्ट आचरण,
क्यों लेते दुखियों की हाय।
मदद करो मजलूमों की तो,
दिल से देगा तुम्हें दुआ।
अधर्म से प्राप्त किया अर्थ,
अनर्थ कभी कर जाएगा।
दान दे सच्ची कमाई का,
मन को शांति पहुँचाएगा।
भौतिक सुख की चाहत मे,
भ्रष्टाचार की राह अपनाएगा।
अनन्त है सुख की चाहत,
संतोषी ही सुख सच्चा पाएगा।
भ्रष्टाचार कर कर के बस,
जमा संपत्ति कर जाएगा।
अंत समय कर्म है साथी,
बाकी यहीं सब रह जाएगा।
छोड़ अनीति ओर भ्रष्टाचार,
चैन से तभी जी पाएगा।
कर्तव्य समझ कर्म करले,
यही मोक्ष सुख पहुँचाएगा।
नाम-रमेश चंद्र भाट,
पता-टाईप-4/61-सी,
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