*
*लोग**
दिल को बेदर्दी से , तोड़ देते हैं लोग।
मतलब निकलते ही ,छोड़ देते हैं लोग।
ना रखना अरमान शीशे से पत्थरों के आगे,
घरौंदा अपने पन में फोड़ देते हैं लोग।/
ना दिखाना खोलकर किसी के सामने,
दर्द जख्मों पर निचोड़ देते हैं लोग।/
खुद ही सम्भलना खाकर ठोकरें,
सहारा देने में भी मरोड़ देते हैं लोग।/
भरोसा ना अब किसी पे हिमसी
भटकाकर सीधी राहों से मोड़ देते हैं लोग।/
*एल.एस.तोमर मुरादाबाद यूपी*
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