विश्वकर्मा#अशोक शर्मा वशिष्ठ जी द्वारा शानदार रचना#

विश्वकर्मा

     हे देवशिल्पी विश्वकर्मा तुम्हें कोटि कोटि प्रणाम
तुमने  रचा सतयुग मे स्वर्गलोक का पावन धाम
त्रेतायुग मे किया सवर्ण लंका का निर्माण
उत्कृष्ट शिल्प कला का दिया प्रमाण

    द्वापर युग मे द्वारका बसाई
प्रसन्न हुए प्रभु कृष्ण कन्हाई
सुदामापुरी का किया कायाकल्प
सुदामा जी हुए हतप्रभ
      हस्तिनापुर इंद्रप्रस्थ का किया निर्माण
जगन्नाथ मंदिर पुरी मे स्थापित किए कृष्ण भगवान

  महर्षि प्रभास और भुवना के नंदन
सारा विश्व करें बंदन अभिनंदन

        राम की आज्ञा से किया रामसेतु का निर्माण
वानर इंजीनियर नल ने की सहायता प्रदान
देवताओं के इंजीनियर कहलाए
सबके निर्माण कार्य सधाए

       वर विज्ञान वेदों के ज्ञाता
भगवान शिव के रथ के निर्माता

       हेली नामक विप्र को तारा
शिल्पकला का दिया ज्ञान और भविष्य संवारा

        देवों के तुम देव महान
     हे देव इंजीनियर तुम्हें सादर प्रणाम

               अशोक शर्मा वशिष्ठ

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