विषय: मेरा प्यारा हिंदुस्तान
कहीं पर चिड़िया का चहकना है,
तो कहीं पर है पेड़ों का लहराना।
कहीं पर हवा का मचकाना है ,
तो कहीं पर है हमारा घराना।
गाँव की एक अलग सी मस्ती है यहाँ पर,
तो फिर मेलों की भी कुछ हस्ती है।
माँ- पिता का प्यार है यहाँ पर,
तो गुडा- गुड़ियों की भी एक अलग ही बस्ती है।
कहीं पर पंजाब दी कुड़ियां दा डांस,
तो कहीं पर वडकम् की आवाज।
कहीं पर है बीहारियो की छठ ,
तो कही पर है देश की लठ (दिल्ली)।
है,क्रिशन्स की प्रेयर अलग,
तो जैन समाज के है धर्म अलग।
कहीं पर है मुस्लिम्स की नवाज,
तो कही पर है हिंदुओं के भगवान की आवाज।
यहाँ पर हैं पंजाबियों की अलग ही शान ,
तो कहीं पर है जवानों के बलिदान।
कहीं पर मेहमानों को कहाँ जाता है भगवान,
तो कहीं पर है प्रकृति की एक अलग ही पहचान।
लेकिन आज भी जब बजता है कहीं राष्ट्र गान,
खड़े हो जाते हैं हम हर बार।
दिल में आता है बस एक ही नाम,
मेरा प्यारा हिंदुस्तान,
मेरा प्यारा हिंदुस्तान।
नाम=रुचि छाबडा
कक्षा-10
पता=379, नया बाजार रावतभाटा
ई मेल-आई डी= chhabramanju35@gmail.com
यह मैरी मौलिक रचना है
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