बिटिया भी घर की ढाल बने#प्रियंका साव 'कुसुम' जी द्वारा बेहतरीन रचना#

*बिटिया भी घर की ढाल बने*
हर तीर बने, तलवार बने, 
बिटिया भी घर की ढाल बने। 

 हर मुश्किल में अंगार बने, 
हर धार बने, पतवार बने, 
हर विपदा मे अवतार बने, 
बिटिया भी घर की ढाल बने। 

हर मान बने, सम्मान बने, 
राहों पर चलती शान बने, 
बिटिया भी घर की ढाल बने।

माँ की आँखों का तारा बने, 
बाबा के दिल की सरकार बने, 
जिसे रोक न पाए जग में कोई, 
बिटिया ऐसी तूफान बने। 
बिटिया भी घर की ढाल बने। 

दो कूलों की बढ़ती आन बने, 
हर कदम पर इक पहचान बने, 
हर लबों पे लाये जो हंँसी, 
बिटिया ऐसी मुस्कान बने,  
बिटिया भी घर की ढाल बने........ 


स्वरचित कविता
प्रियंका साव 'कुसुम'
पूर्व बर्द्धमान, पश्चिम बंगाल

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