सादर समीक्षार्थ
विधा - हाइकु
1 - मेरे पिया तो
परदेस गए मैं
रोऊँ तड़पूं
2 - देखो सावन
आग लगाए मन
छटपटाए
3 -. बरसात में
भीगा तन मन भी
मैं शरमाऊं
4. -. झूला झूलूँ मैं
अपने पिया संग
बाहों में भर
5 - मेरे पिया तू
बड़ा निर्मोही मुझे
बड़ा सताए
6 - साजन बिन
लगता नहीं मन
इस सावन
7 - सावन सूखा
लगता है दिल को
बिन सजना
8 पायल मेरी
कुछ तो कहती है
सुन तो पिया
डॉ .राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
0 टिप्पणियाँ