कवयित्री डॉ अलका पाण्डेय जी द्वारा रचना (विषय - अहिंसा और प्रेम)

नमन मंच 
बदलाव मंच की 
राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय साप्ताहिकप्रतियोगिता 
दिनांक - 28/9/ से 4/10 तक 

विषय - अंहिसा और प्रेम 

शीर्षक- आज़ाद भारत 

गांधी ने बतलाया था 
प्रेम भाव से मिलकर !
सत्य अहिंसा का मार्ग 
न्याय प्रेम का पाठ पढ़ाया !!
सत्य अहिंसा का व्रत समझाया 
मानव को मानव से मिलवाया !!
निःस्वार्थ भावना जगाई थी 
करुणा ममता का संचार किया !!
उर में देश प्रेम भावना जगाई !
जिदंगी का मतलब समझाया !!
आज़ाद भारत का सपना दिखलाया !!
आज़ाद रहेगें , आज़ादी हमारा अधिकार , 
ग़ुलामी का करेगें मिलकर प्रतिकार !!
सत्य प्रेम अंहिसा का व्रत अपनाओं !
जन जन के जख्मी ह्दय में ,
जीवन की निराशा में ,
ग़ुलामी के कष्टों में , 
सुख , शांति , प्रेम का अमृत बरसाओ ,
प्रेम सुधा रस पिलाओ !!
हर मानव के मन में , प्यार की सरिता बहा दो !
सारी विषमताओं को दूर भागा दो !!
हर मानव के मन में पनपें फिर एक समता भाव , घनघोर तिमिर फिर दूर हो !
दिव्य  ज्ञान  की  ज्योत  जला दो !!
आज़ादी का सपना साकार हो !
बापू थे सच्चे सेवक राष्ट्र के , राष्ट्र पिता कहलायें !
बापू की हिम्मत ने ग़ुलामी की ज़ंजीरों को तोड़ा!!
पूरे विश्व में बापू का डंका बजा 
चप्पा चप्पा पहचाने !
अंहिसा वादी की लाठी ने देखो क्या कमाल किया ! 
आज़ादी दिलवाई, आज़ादी दिलवाई !!

डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई

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