औरत.....
क्या बदला है
उस युग से इस युग तक
तब भी चीरहरण होता था
किसी औरत का
आज भी चीरहरण कर रहा है
बस नाम और शरीर बदल गया है
तब भी एक औरत ही थी
उस वक्त लाज बचाने
भगवान आया था
सिर्फ ये शब्दों में लिखा है
अगर भगवान था तो
फिर आज कैसे और
क्यों मर गया, वो अगर है तो
आज क्यों नहीं बचाने आता है
क्या है इसकी सच्चाई
कहीं आज पता चल रहा है
वो सिर्फ शब्दों में ही लिखा है
आज वो कहीं नहीं है
बस लोगों के मन में ये भ्रम है
©रुपक
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