कवि डॉ.राजेश कुमार जैन द्वारा 'क्षमावाणी महापर्व' विषय पर लेख

🎉🙏क्षमावाणी महापर्व🙏🎉


🙏अहंकार का भाव ना रखूँ, नहीं किसी पर क्रोध करूँ, देख दूसरों की बढ़ती को, कभी ना ईष्या भाव धरूँ, रहे भावना ऐसी मेरी, सरल सत्य व्यवहार करूँ, बने जहाँ तक इस जीवन में, औरों का उपकार करूँ.......... 
🙏 जिस दिन से मैं आपको जानता हूँ,
उस दिन से आज तक मन से,वचन से,काय से मुझसे  जितनी भी गल्तियाँ हुई हों,
उन सभी गल्तियों के लिये हृदयतल से क्षमाप्रार्थी हूँ और 
 अपने दोनों हाथ जोड़कर और नतमस्तक होकर आप सभी से क्षमा माँगता हूँ। 🙏
॥ उत्तमक्षमा ॥

 याचक

डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड

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