विधा: हायकू कविता रचना
प्रकार: स्व:रचित एवं मौलिक
शीर्षक: हिन्दी दिवस
देखो हायकू
लिखती हिन्दी पर
मैं कवियित्री
हिन्दी का कोई
पद्य-गद्य सुनाती
तुमको आज
हिन्दी भाषा है
हमारी पहचान
सदियों से ही
विदेशों में भी
हिन्दी ने भारत को
पहचान दी
सबसे मिली
संस्कृति की वाहक
बनके हिन्दी
साहित्य खूब
रचा कलमकारों
ने हिन्दी का
समृद्ध रहा
इतिहास हिन्दी का
कविवरों से
जोड़ा सबसे
राष्ट्रभाषा बनके
हिन्दी ने हमें
राजभाषा जो
बनी हिन्दी कार्य हो
गए सरल
हिन्दी दिवस
महत्वपूर्ण बना
मनाते हम
डॉ. लता (हिन्दी शिक्षिका),
नई दिल्ली
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