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तभी तो कहते है साहब#बदलाव मंच#
मुक्तक#प्रकाश कुमार मधुबनी#
मुक्तक#प्रकाश कुमार मधुबनी#
प्रकाश कुमार
सितंबर 18, 2020
स्वरचित रचना
तभी तो कहते है साहब
प्यार बावला होता है।
जख्म एक को होता है
जबकि रोता दूजा है।।
यदि यकीन नही हो तो
नजर दौड़ा के देख लो।
चैन किसी का खोता है,
सुकून में सोता दूजा है।।
प्रकाश कुमार मधुबनी
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