नमन बदलाव मंच
ओ री पवन (गीत)
मिलने को आएंगे मोरे सजन
धीरे-धीरे से बहना ओ री पवन...
सांझ का दीपक जलने से पहले
सूरज के पूरा पिघलने से पहले
नदिया किनारे जब होगा मिलन
कर के वादा गए हैं मोरे सजन
धीरे धीरे, होले होले से बहना ओ री पवन
बैरन जुदाई लगी अगन
धीरे-धीरे से बहना ओ री पवन...
जब आऐ सजन तू भी हौले से आना
कुछ गेसु मेरे मुख पे के उड़ा के ले आना
मोहे घूरे निहारे है मोरे बलम
हाय रे सखी मोहे आए शरम
धीरे-धीरे से बहना ओ री पवन....
आंचल भी मोरा ढलक ढलक जाए
जियरा की धक धक अब दे है सुनाऐ
बाबरा हुआ जाए प्रेमी दो मन
धीरे-धीरे से बहना ओ री पवन....
नदिया का पानी मारे हिलकोरे
चितवन में छाए वो चंद्र चकोरे
गोरी गोरी कलाई चूड़ियां करे छन छन
धीरे-धीरे से बहना ओ री पवन...
मिलने को आएंगे मोरे सजन
धीरे-धीरे से बहना ओ री पवन
रजनी शर्मा चंदा
रांची झारखंड
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