बदलाव मंच नमन
26/9/2020
विषय-गीत
शीर्षक -भक्ति गीत
भक्ति-मोहन
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मैं तो अपने मोहन की,मीरा बन जांऊ।
सुध-बुध बिसरू,भक्तिमयी हो जांऊ।।
श्याम सुंदर सावरे,नैना हुये मेरे बावरे।
श्रृद्धा के पुष्प,नित नीर तुझे चढ़ाऊ।।
सिर मोर मुकुट,कुमकुम तिलक लगाऊ।
कंठ बैजंतीमाला,मैं स्नेह हार पहनाऊ।
जंहा तंहा दिखे,अंतरमन में श्याम बसे।
मुरली की धुन मे,सांवरे मैं खो जाऊ।।
सांझ सकारे तोहे,छप्पन भोग मैं लगाऊ।
चित्त मे धर तोहे,हरिगुण गाती मैं जाऊ।
पूजन अर्चन कर,आरती मैं डुलाऊ तोहे।
चरणामृत ले,जीवन सार,मोक्ष मैं पाऊ।।
स्वरचित/.मौलिक, आप्रकाशित
योगिता चौरसिया
अंजनिया मंडला(म.प्र.)
1 टिप्पणियाँ
शानदार, सराहनीय
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