कवयित्री- आ.रूपा व्यास जी द्वारा बहुत ही प्यारी रचना

*नमन मंच*
*विधा-कविता*
*शीर्षक-'हिंदी का महत्व'*
       
हिंदी दिवस के दिन हम-सब
हिंदी दिवस मनाते हैं।
और दिन क्यों सूने  हैं!
और दिन क्यों बेगाने हैं!!
हिंदी का सम्मान करें।
आदर की अधिकारी है।।
हिंदी के महत्व को जानें।
है यह सर्वप्रिय यह भी मानें।।
निश्छल वर्णमाला के अक्षर प्यारे।
है इसके सभी वाक्य निराले।।
तुम हो हमारी आन और बान।
तुम से ही है,देश की शान।।
इसके बिना है,जग सूना।
अपने मान को न खोना।।
राष्ट्रभाषा  हो अपनी एक।
है ये  हिंदुस्तानी इरादा नेक।।
हिंदी दिवस के दिन हम-सब
हिंदी दिवस मनाते हैं।
और दिन क्यों सूने हैं,
और दिन क्यों बेगाने हैं!!

-रूपा व्यास
-'बदलाव मंच' राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय महिला प्रकोष्ठ अध्यक्षा
पता-'परमाणु नगरी' रावतभाटा,चित्तौड़गढ़(राजस्थान)
*मौलिक व स्वरचित*

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