कवि एल.एस. तोमर जी द्वारा 'बदलाव' विषय पर रचना

🙏    *नमन* 🙏

         *बदलाव के शहर  में** 
खाए हैं दम, पाकर मंज़िल,
        इन्कलाब के पहर में।

आए हैं हम, लेकर दिल,
      *बदलाव के शहर में।* 

सुनेंगे कुछ अपनी सुनाएंगे।
सप्त सुरों से सारा संगम सजाएंगे।
हृदय से हिंदी का हम हर ओर डंका बजाएंगे।।।

 पाए हैं हम आकर साहिल,
             ख्वाब के बहर में।।/
         *बदलाव के शहर में।* 


करेंगे रस अलंकृत नीरस पद को,
बनेंगे  उदार खुद मिटाकर मद को,
सीखेंगे बात बड़ी छोटा रखकर कद को।।।

मिट जाएगी हर मुश्किल,   

  क्रांति के नायाब लहर में।।/
      *बदलाव के शहर में।* 

गिर कर हमको कुछ संभलना आए।
इंसानियत की खातिर व्यास  बदलना आए।।
राह  पे  प्यार मोहबब्त की चलना आए।।।

अब डूबेंगे ना हम जाहिल,
       अजाब के कहर में।।/
       *बदलाव के शहर में।* 

खाए हैं दम, पाकर मंज़िल,
        इन्कलाब के पहर में।

आए हैं हम, लेकर  दिल,
    *बदलाव के शहर में।* 

🙏🙏🙏🙏🙏🌷🌷🌷🙏🙏🙏🙏🌷🙏🌷🙏

 *एल .एस.तोमर मुरादाबाद यूपी*

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ