विषय : दोस्त हमारा इंटरनेट 🌷🌷
विधा : कविता
इंटरनेट का है ये जमाना~~
इंटरनेट ही दोस्त हमारा..
इंटरनेट की गलियारों में~~
अब होता है सैर हमारा..
इंटरनेट से ही जुड़ा हुआ है~~
बदलाव मंच का ये आशियाना हमारा..
जहां हैं भांति - भांति के लोग~~
फिर भी अनोखा है रिश्ता हमारा..
सभी की अलग है भाषा - संस्कृति~~
फिर भी एक है साहित्यिक लक्ष्य हमारा..
रिश्ता हमारा हर जाति - धर्म से ऊंचा~~
साहित्यिक शिखर को पाना हम सब का ये लक्ष्य हैं न्यारा..
इंटरनेट को सीढ़ी बनाकर हमें~~
मंज़िल की ओर कदमों को है बढ़ाना..
सबका साथ, सबका विकास हो~~
हैं हम सभी को यह स्लोगन अपनाना..
धन्यवाद है इंटरनेट को, जिसने~~
असीमित ज्ञान का हैं भंडार दिया..
हो कोई परेशानी या उलझन~~
इंटरनेट ने झट से उसका हमें वृहद् समाधान दिया..!!
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शालिनी कुमारी
शिक्षिका सह बदलाव मंच ईस्ट ज़ोन अध्यक्षा
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )
(स्वरचित मौलिक कविता )
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