हाल मेरा जो गर सुना होगा
वो भी रुसवाई से डरा होगा
मैं भी तनहा हूं ये जहां तन्हा
तू भी तन्हा कभी रहा होगा
मेरी तकदीर में है रुसवाई
और भी जाने क्या लिखा होगा
दिल मेरा इंतजार करता है।
तूने शायद कभी किया होगा
इश्क दुनिया में सबको मिलता है
मेरे हिस्से का खो गया होगा
यारों इल्ज़ाम बेवफाई का
वो भी अलका पे लग गया होगा
डॉ अलका पाण्डेय मुम्बई
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