सादर समीक्षार्थ
विषय – लॉकडाउन में शिक्षकों की स्थिति
विधा - छंद मुक्त
बदलाव मंच राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय साप्ताहिक प्रतियोगिता
हर ओर कोरोना का, मचा शोर
विपदा आई है, घनघोर
जनता हो गई, सारी त्रस्त
जन जन देखो, हुआ है पस्त..।।
काम-धाम कुछ, बचा नहीं
लॉकडाउन ने, छोड़ा नहीं
यह कैसा है, संकट आया
सबको इसने, बड़ा डराया..।।
स्कूल तो सारे ही, बंद पड़े हैं
मोबाइल से,शिक्षक पढ़ा रहे हैं
कुछ बच्चे, गेम खेल रहे हैं
तथ्य गोपनीय भी, बता रहे हैं ..।।
मां बाप को, संकट में डाल रहे हैं
बैंक खातों से रुपया, लुटा रहे हैं
देखो ऐसा अनर्थ, ना करो तुम
विश्वास उनका, ना तोड़ो तुम..।।
गृह कार्य और, पढ़ाई में ही
पूरा ध्यान लगाओ, बस तुम
मोबाइल का, ना दुरुपयोग करो
सब बच्चों को भी, सचेत करो ..।।
अघ्यापक कठिन परिश्रम करते
प्रत्येक पाठ बच्चों को पढ़ा रहे हैं
उनका भविष्य उज्ज्वल बनाने हेतु
अपना वर्तमान उनको सौंप रहे हैं..।।
मिलकर यह लड़ाई लड़ेंगे
कोरोना को हम दूर करेंगे..।।
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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