कवयित्री नीलम डिमरी जी द्वारा 'हंँसी एक रामबाण औषधि' विषय पर रचना

नमन वीणा वादिनी
दिनांक-20/09/2020
    विषय-------
हंसी एक  रामबाण औषधि
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हंसी एक रामबाण दवा है,
इसकी तो निराली हवा है,
लंबी उम्र का उत्तम साधन यह,
हमें तो किसी से इश्क हुआ है।

रोगों के यहां दूर रखता है,
तनावग्रस्त से मुक्त रखता है,
संपूर्ण व्यायाम यह शरीर का,
रक्त संचार तेजी से करता है।

मानव जीवन का यह वरदान है,
जीवन शक्ति का यह गुणगान है,
जीवन को सुखी बनाता यह,
स्वस्थ होने की पहली पहचान है।

हंसता चेहरा सबको अच्छा लगता है,
यहां तो आंखों की चमक बढ़ाता है,
तन व मन स्वस्थ रहते हैं इससे,
पीड़ा स्वत: यह दूर भगाता है।

हंसी तो एक जीवन प्रभात है,
गर्मी की ठंडक शरद का ताप है,
आत्मा उठती है हंसने से,
उत्तम औषधि है यह अपने आप है।


    रचनाकार-- नीलम डिमरी
     चमोली ,,,,उत्तराखंड

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