*गुरु का गुणगान#प्रकाश कुमार ,मधुबनी के द्वारा गुरु को समर्पित रचना#

स्वरचित रचना
*मंच को नमन*

*गुरु का गुणगान*

आँखों के डर से ही
 जो हमें सिखाते है।
जीवन को समझकर
हमें हर रहस्य बताते है।।

क्या सही क्या फर्क 
उन्ही से करना है सीखा।
जिन्होंने अपने ऊर्जा से 
हमारा भाग्य है लिखा।।

कभी बनकर मित्र हमारे
 संग जो ठहाके लगाते।
जब भी मुसीबत आता 
हमें तत्काल जो बचाते। 

जिनके वजह से हमने 
स्वयं को साँचे में डाला।
जिनके किस्से कहानी से 
हमने दुनियाँ को जाना।।

जिन्होंने हमे स्वयं पर 
भरोसा करना सिखाया।
जिन्होंने हमकों अज्ञान 
से ज्ञान के भंडार बनाये।

 जिन्होंने हमको नित
 नए नए मार्ग है बताया।
जिन्होंने हमको सदैव
 फरेब से बचाया।।

आओ मिलकर गुरु 
को प्रणाम हम करे।
जिनसे दुनियाँ को जाना।
आओ उनका गुणगान करे।।

प्रकाश कुमार
मधुबनी, बिहार

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ