निर्दोष लक्ष्य जैन जी द्वारा रचना

लो आज हमने फिर ये तराना     लिख  दिया 
      ये    भारत    चमन    हमारा      लिख  दिया 
      सर्व धर्म   यहाँ         बसेरा       लिख  दिया 
      ना हिंदू सिख ईसाई मुसलमान    लिख दिया 
      है प्राणों से प्यारा    हिंदुस्तान    लिख   दिया 
      गंगा की धारा जमुना   किनारा     लिख   दिया 
      हिमालय के सौंदर्य का नजारा     लिख  दिया 
      लो आज हमने फिर ये  तराना      लिख  दिया 
      मथुरावृंदावन गोकुल का नंदलाल  लिख दिया 
      राधा मोहन का   अफसाना          लिख दिया 
     भोले का बाबाधाम काशी विश्वनाथ लिख दिया 
      राम की अयोध्या का नजारा        लिख दिया 
      स्वर्ग से सुंदर भारत  हमारा         लिख दिया 
      बच्चा बच्चा   देश    का दिवाना    लिख दिया 
      जय जवान जय किसान का नारा  लिख दिया 
     लो आज "लक्ष्य"  फिर ये  तराना  लिख दिया 
      विजयी विश्व तिरंगा  हमारा         लिख दिया 

                          निर्दोष लक्ष्य जैन 
                               धनबाद

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