धन का प्रभाव#सतीश लाखोटिया जी के द्वारा खूबसूरत रचना#

*धन का प्रभाव*
रुपैये में बसती सबकी जान
हर कोई समझता इसे महान
मॉं लक्ष्मी को मांगे
सभी यही वरदान
आप रहो
सदा मेरे यहाँ विराजमान

इसकी महिमा ही न्यारी
ये न रहे पास में
दिल हो जाता भारी
ये संकट तारणहारी
यही कहती दुनिया सारी

यह भी उतना ही कटु सत्य
 ये किसी के पास
 बहुत ही बहुत
बहुतेरे इसे पानी के लिए
मेहनत करते सुबह से शाम तक
कई मिनटों में ही जेब भर लेते
भ्रष्टाचार के चलते
यह भी एक सच

इसके नखरे कई हजार
कोई  दिखाता इसी का रौब 
कई करते इसी के चलते व्यभिचार
कई समझते 
अपने आपको तीसमारखॉं
 कई इसी के लिए
  हो जाते किसी के सामने लाचार 

इसकी महिमा अपरम्पार 
 इंसानियत को ताक पर रखकर
लोगबाग इसी का करते 
प्रहार ही प्रहार

  कुछ ऐसे भी हैं 
धरा पर इंसान
मानवता का संदेश देकर
करते रहते नेकी के काम
उनकी इस अच्छी सोच के लिए
करते हम उनको 
शत् शत् प्रणाम 


अंत में यही सार
धन का करो सदुपयोग
यही ही खोलेंगा
इंसानियत के द्वार
जिस दिन समझ जायेंगा यह इंसान
हो जाएगा उसका बेड़ा पार
हो जाएगा उसका बेड़ा पार

  सतीश लाखोटिया
  नागपुर, महाराष्ट्र
9423051312 
9970776751

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