'बदलाव मंच' कवि व समीक्षक भास्कर सिंह माणिक कोंच जी द्वारा 'बेटियाँ' विषय पर रचना

बदलाव अंतरराष्ट्रीय मंच को नमन
प्रतियोगिता हेतु
बिटिया दिवस पर रचना प्रस्तुत -
दिनांक-27 सितंबर 2020
                 बेटियांँ
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दुनियां में सबसे महान होती है बेटियांँ
धैर्य त्याग की पहचान होती है बेटियांँ

ताकते है बेटे शिखर चढ़ती हैं बेटियांँ
नूतन पृष्ठ इतिहास के गढ़ती हैं बेटियांँ
तूफान का भी रुख बदल देती हैं प्यार से
माटी की आन शान पर लड़ती हैं बेटियांँ

महाशक्ति का वरदान होती हैं बेटियांँ
धैर्य त्याग की पहचान होती है बेटियांँ

देवों को अपनी गोद खिलाती है बेटियांँ
वापस प्राण यमराज से  लाती हैं बेटियांँ
वो रूठे स्वजन मना लेती हैं मनुहार से
पल भर का नेह पा खिलखिलाती हैं बेटियांँ

शाख जैसी कोमल सरस होती हैं बेटियांँ
धैर्य त्याग की पहचान होती है बेटियांँ


रण में विजय पताका फहराती हैं बेटियांँ
 तम का ग्रास कर प्रकाश फैलाती बेटियांँ
तोड़कर बाधाओं को अपना फर्ज निभाती
हंस क्रोध का भी सिंधु पी जाती हैं बेटियांँ

माणिक सरिता समान तरल होती हैं बेटियां
धैर्य त्याग की पहचान होती है बेटियां
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मैं घोषणा करता हूं कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
भास्कर सिंह माणिक,कोंच

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