कवि एल.एस.तोमर जी द्वारा 'दाग' विषय पर रचना

नमन

                      दाग़


चेहरे अपने संवारोगे ।
या पत्थर आईनों पे मारोगे।।


झूठ बोलते हैं जो जमाने में ,कब तक
सच सामने उनके हारोगे।।


मन में भरी कीचड़ उछालोगे औरो पे
ना नफ़्ज अपनी ये निखारोगे।।



साफ अपनी भी नियत है जरूरी
किस किस को दिल से उतारोगे।।



 झूठ लाओगे  कब तक आईना मन का,
टुकड़े भी  सच बोलें,
कब तक ये विचारोगे।



छुपेंगे ना दाग़ सीसे के तस्वीर
बदलने से,
खुद को तुम खुद से तारोगे।।


मौलिक
एल.एस.तोमर प्रवक्ता तीर्थांकर महावीर विश्व विद्यालय मुरादाबाद यूपी

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