अपने हालातों पर मुझे जरा भी कोई हैरानी नहीं है
अपने दुखों , गमों से भी मुझे कोई परेशानी नहीं है
चाहकर भी अपने अजीजों खातिर कुछ कर नहीं पा रहा हूँ
बस यही एक चिंता मुझे हर पल ही खूब सताएँ रहती है
मैं मुस्कुराना चाहता हूँ और ये मुझे सदा रूलाए रहती है
कवि संजय कुमार विश्वास
तिसरी ,गिरिडीह ,झारखंड
1 टिप्पणियाँ
जीवन एक रंगमंच है हर व्यक्ति अपना अपना किरदार निभा रहे है।
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Anita mantri Amravati